याद आयी मुझको वो भूली कहानी आज फिर
याद आयी मुझको वो भूली कहानी आज फिर,काश मिलकर ही गुजारें जिंदगानी आज फिर।हमको अब भी याद है गुजरा जमाना जा चुका,मुश्किलों को याद कर छल्का है पानी आज फिर।जिंदगी भर की उदासी मै छुपाता ही रहा,पीर हद से बढ़ गई है तब सुनानी आज फिर।आपकी नज़दीकियां मुझसे बयाँ होती नहीं,आपकी तस्वीर ढूँढी है पुरानी आज फिर।आज फिर हालात बदतर हमको अब होते दिखे,काल की नगरी बनी है राजधानी आज फिर।मानता तुझको मै कृष्णा तेरे ही दर पर खड़ा,याद आती है मुझे मीरा दिवानी आज फिर।धुंध फैली दूर तक दिखता नहीं कुछ भी यहाँ,भौर की पहली किरन जागे सुहानी आज फिर।मै मुहब्बत के लिखूंगा शेर और वो शायरी,गुनगुनाऊँगा गज़ल ये शेरख्वानी आज फिर।भर गया है कौन मन के द्वार में वीरानियाँ,खत्म कर लेंगे हम बची जवानी आज फिर!!
बहुत बेहतर अभी है और बेहतर हो गए होते, मोहब्बत जीत जाते तो सिकन्दर हो गए होते। उलझते क्यों भला हम प्यार के सागर जुटाने में, वो एक कतरा जो मिल जाता सिकन्दर हो गए होते। मोहब्बत में तुम्हारे झूठे वादे खूब होते हैं, सियासत में अगर होते मिनिस्टर हो गए होते। तुम्हारे सामने न रोते तो दिल फट गया होता, ये आंसू सूख जाते तो ये पत्थर हो गए होते। तुम्हारे झूठे वादों को अगर नोट में करता, कसम से अब तक छः सौ पिछत्तर हो गए होते। सुख़न में कर दिए है जो तुमने तंज़ सियासत पर, हमारे दौर में जो करते तो अंदर हो गए होते.!!________________________
जो वक्त हमे तुमसे दूर करना चाहेगा,
हम वो वक्त ही बदल देंगे।
पर जो तुम खुद हमसे दूर होना चाहो,
तुम्हारा हुकुम सर आंखोंपर चढ़ा लेंगे।
तुम उदास होजाओगे कभी तो,
हम तुम्हारे लिए जोकर बन जाएंगे।
वादा है ये हमारा तुम जो साथ दो,
तो जमानेसे भी टकरा जाएंगे।
हम तुम्हारे है हर एक पल,
तुम्हारी पहलू मै ही दम तोड देंगे।
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