अदा जाफरी की शायरी
अदा जाफरी एक पाकिस्तानी और उर्दू शायर है इनका जन्म 1924 में हुआ है उन्होंने अपने जीवन में एक प्रसिद्ध उर्दू कवयित्री के रूप में ख्याति प्राप्त की है इनकी मृत्यु सन 2015 में हुई | तो आज हम आपको उन्ही के द्वारा कही गयी कुछ दिल छूने वाली शायरी से अवगत करते है जो की कई महान उर्दू के शायरों जैसे आनिस मोईन और अब्दुल हामिद अदम जैसे शायरों से भी बढ़ कर मानी जाती है | इसके अलावा हम आपको बताते है उनके दो लाइन के शेर जो की प्रेरणादायक है |
अदा जाफरी की शायरी
मैं आँधियों के पास तलाश-ए-सबा में हूँ
तुम मुझ से पूछते हो मिरा हौसला है क्या
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होंटों पे कभी उन के मिरा नाम ही आए
आए तो सही बर-सर-ए-इल्ज़ाम ही आए
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हमारे शहर के लोगों का अब अहवाल इतना है
कभी अख़बार पढ़ लेना कभी अख़बार हो जाना
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अगर सच इतना ज़ालिम है तो हम से झूट ही बोलो
हमें आता है पतझड़ के दिनों गुल-बार हो जाना
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जो चराग़ सारे बुझा चुके उन्हें इंतिज़ार कहाँ रहा
ये सुकूँ का दौर-ए-शदीद है कोई बे-क़रार कहाँ रहा
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Ada Jafri Shayari
jis kī bātoñ ke fasāne likkhe
us ne to kuchh na kahā thā shāyad
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gul par kyā kuchh biit ga.ī hai
albelā jhoñkā kyā jaane
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hamāre shahr ke logoñ kā ab ahvāl itnā hai
kabhī aḳhbār paḌh lenā kabhī aḳhbār ho jaanā
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hoñToñ pe kabhī un ke mirā naam hī aa.e
aa.e to sahī bar-sar-e-ilzām hī aa.e
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jis kī jānib ‘adā’ nazar na uThī
haal us kā bhī mere haal sā thā
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jo charāġh saare bujhā chuke unheñ intizār kahāñ rahā
ye sukūñ kā daur-e-shadīd hai koī be-qarār kahāñ rahā
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