एक खत - बेटी का मां से आत्महत्या के बाद || आत्महत्या Qoutes in hindi || आखिरी इच्छा शायरी

एक खत - बेटी का मां से आत्महत्या के बाद

एक खत - बेटी का मां से आत्महत्या के बाद, qoutes


मां मेरी क्या गलती थी?

वो चाचू ही थे मेरे...

मां बताओ ना

मां मैंने चॉकलेट ही तो मांगी थी..

मां बताओ तो.

क्यूं यकीन नहीं था मेरी बातों का..

मां बता दो ..

मां मैं सच बोल रही थी..

मां सच में उन्होंने मेरे साथ गलत काम किया था..

मां मै इतनी भी नासमझ नहीं थी..

मां सच ही कहा था मैंने

मेरी बातो का यकीन नहीं था तुम्हें

मां मुझे पहले भी बहोत बार यहां वहां छुआ था..

पर मां मैं उस वक्त नासमझ थी...

मां बताओ मैंने क्या गलत किया था..

जो मुझे मरना पड़ा मां..

मां मुझे माफ़ करना .

मैं ऐसे ही घूट घूट कर जिंदा नहीं रहे सकती थीं..

मां मुझे मेरे जिस्म पर वो स्पर्श मिटाएं नहीं मिट रहा था...

मां मुझे माफ़ करदो..

मां मुझे माफ़ करदो..

ऐसी हजारों कहानियां हमसे छुपाई जाती हैं,

परिवार के इज्जत के नाम पर...

दरिंदे बहार नहीं, कभी कभी घर में ही पाए जाते हैं ।

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