AAKHARI KHAT PYAR KE NAAM
मैंने हर संभव प्रयास किया, फिर भी मैं असफल रहा तुम्हारा प्यार बनने में.. भूल जाता हूं कि मैं स्वयं के लिए योग्य नहीं तो तुम्हारे लिए योग्य कैसे हो सकता हूं।
तुम्हें याद है जब भी मैं तुम्हारे पास आता था तुम्हारे शहर एक सूकूं सा मिलता था मुझे, जब भी तुम्हें देखता था दिल चाहता था कि ये वक्त वहीं रूक जाए।
जानती हो जब भी तुमसे बात करता था तो जी चाहता था ये फोन की बैटरी कभी कम ही न हो, तुमसे अपनी दिनभर की बातें करना अच्छा लगता था फिर बेवजह ही मेरे मुख पर एक मनमोहक मुस्कान तैरती रहती थी। दिन भर लगातार चैट करने के बावजूद हम कभी बोर नहीं होते थे तुमसे, कई घंटे लगातार फोन पर बातें होने पर भी कभी मेरी और तुम्हारी बातें समाप्त नहीं होती थीं। ऐसे लोग धीरे-धीरे सूकून कब बन जाते हैं हमें पता ही नही चलता।
तुम जानती हो यही लम्हा मेरी जिंदगी के खूबसूरत लम्हों में से एक है, जितने लम्हें हम साथ रहे हैं भले ही वो अल्प थें पर वो बेहद ही खूबसूरत थें। तुम जानती हो तुम्हें खोने की भरपाई मैं ताउम्र नहीं कर पाऊंगा। तुम वो ख्वाब हो जिसे बार बार देखने को जी चाहता है ये जानते हुए भी कि तुम्हें पाना ये आजीवन मुकम्मल नहीं होगा। तुम जानती हो हर रात मेरी आंखों में बीती बातों का पूरा नक्शा उतर आता है उसमे हमारा प्यार, वो तुम्हारे अधूरे वादें और वो सबकुछ जो तुम मुझसे कह ना सकी, और छलकते आंखों को मैं प्रेम प्रवाह में बहने देता हूं मानो किसीने उस बांध को छोड़ दिया हो जिसे सालों से बांध रखा गया था। फिर अचानक अश्रु प्रवाह थम जाता है और मेरी आंखें हकबका जाती है मानो कुछ ढूंढ रही हो शायद तुम्हारी तस्वीर,,,
खैर....
❤️_______________तुम___________..!!
एक शब्द ...नही, नहीं...
शब्दों से परे, एक एहसास हो तुम..
एहसास हो..!!!
नही, नही.. एहसासों से परे
एक ख्वाब हो _तुम,
ख्वाब..!!! नहीं, नहीं...
तुम..!!! बस ..._तुम हो....
तुम पास नही हो तो
कभी आँखों में आँसू बन आते हो ____तुम ,,,
कभी लबों पर मुस्कान बनकर आते हो तुम,,,,
कभी तिनका तिनका रुहानी
मोहब्बत का एहसास कराते हो _तुम,,,,
जब भी मेरे पास आते हो तो एक
आँधी बनकर आते हो __तुम....❤️
तुम.. हा तुम.. सिर्फ तुम ❤️
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