Corona Virus Shayari in Hindi :-
आज में लाया हुं आपके लिए बीते साल की दुखद कहानी २०२० में हुई महामारी में कब ये साल निकल गया हमे पता भी नहीं चला लेकिन इस साल पर में कुछ लाइंस कुछ शायरी (Corona Shayari), (Lockdown Shayari) (corona per poem) जो मेने खुद लिखी है में आपके सामने पेस करता हु |
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Corona Shayari Images |
कोरोना पर शायरी लिखना से मेरा किसी की भावनाओ को ठेस पहुंचाना नहीं है । में सिर्फ लोगो को एंटरटेन करना चाहता हु जिससे लोग corona virus (Corona virus shayari) से डरे नहीं उसका सामना करे।
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Corona Shayari Imagesकोरोना पर शायरी हिंदी में
साल 2020 तूने बड़ा परेशान किया, आते ही कितनो का नुकसान किया..!! दुनिया की सारी सड़को को तूने सुनसान किया..!! सोहेल खान |
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में तेरे इश्क में कोरोना हों जाऊ,
तु मुझे छू लें और मे तेरा हों जाऊ।
सोहेल खान
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"हमारी गम ए आशिकी अगर कोरॉना है ,
तो क्या फिर तेरे पास कोई दावा है ।"
सोहेल खान
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अफसोस ये कोरोना के दिनों की मोहब्बत ,
एक दूसरे से हाथ मिलाने से भी गए।
सोहेल खान
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दूर हो जाता है अपना चेहरा अपने हाथ से ,
मुकलबल होती है कोरोना के दिनों तनहाई।
सोहेल खान
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मौत आ जाए इस कोरोना में ये अलग बात है,
मगर हम हिज्र में नंगा तो नही रहे सकते।
सोहेल खान
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" ना इलाज है ना कोई दवाई है ,
ए इश्क तेरे टक्कर की बला आई है ।
सोहेल खान
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कोरोना फैला हुआ है हर तरफ अभी माहौल मर जाने का नही।
सोहेल खान
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corona ShaCyari Images |
क्यों लाया अपने साथ ये भयानक महामारी,
दुनिया मे किसी ने न की थी जिसकी तैयारी..!!
सोहेल खान
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"कोरोना को है भागना तो वैक्सीन को जरूर लगवाना,
हम वैक्सीन को लगाएंगे इंडिया को corona मुक्त बनाएंगे।
सोहेल खान
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corona Shayari, lockdown shayari images |
सोचा कैसे रोके इसकी रफ्तार को ,
तब lockdown लगाना पड़ा सरकार को..!!
सोहेल खान
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corona Shayari, lockdown shayari images |
" जमाना हो गया हमने तुमको देखा नही है,
लॉकड्वोन ने एहसास दिया है तुम जैसा कोई और नहीं है ।
सोहेल खान
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corona Shayari, lockdown shayari images |
तब भी ना रुक सकी इसकी रफ्तार,
गरीबो को पडने लगी इसकी मार..!!
सोहेल खान
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corona Shayari, lockdown shayari images |
पैदल ही निकल पड़े वो लेकर अपना परिवार,
फैक्ट्री सारी हुई बन्द छीन गए इनके रोज़गार..!!
सोहेल खान
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corona Shayari, lockdown shayari images |
ये 3 महीने का साल किसी को नही भाया,
जनवरी फरवरी और उसके बाद सीधे दिसम्बर आया..!!
लेकिन
तुम जा रहे हो बुराइया तो सबने देख ली तुम्हारी अच्छाइयां देखना तो भूल गए ....
सोहेल खान
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corona Shayari, lockdown shayari images |
कहते है रिस्ते तुड़वाये है तुमने,
पर रिस्तो का मतलब भी समझाया है तुमने..!!
आरोप है तुम पर की लोगो को दूर किया है तुमने,
पर दिल से जो तुम्हारे साथ है वो ,
साथ ही रहेंगे , ये भी तो बताया है तुमने...!!
सोहेल खान
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corona Shayari, lockdown shayari images |
हाँ मिल नही पाए एक दूसरे से,
पर तुमने हमे खुद से मिला दिया है तुमने...!!
जो चीज़ जो टैलेंट खुद में लापता थी,
उसे भी तो दिखा दिया है तुमने..!!
सोहेल खान
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corona Shayari, lockdown shayari images |
जिंदगी में सीख जरूरी थी,
बहुत कुछ सीखा दिया है तुमने..!!
अब बस यार हम बहुत सीख गए,
नई दुनिया दिखा दिया है तुमने..!!
सोहेल खान
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corona Shayari, lockdown shayari images |
हम खुद क्या है ?
ये एहसास करवाया है तुमने,
हम इंसान है हम तो कुछ भी कर सकते है,
इस झूठ से पर्दा उठाया है तुमने..!!
और कारनामे तो ऐसे किये है तुमने,
की याद तुम्हे तो पूरा जमाना रखेगा..!!
सोहेल खान
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corona Shayari, lockdown shayari images |
काफी खुश रहे, काफी रोये भी,
और यार ये 2020 कब जाएगा ,
ये सोच कर सोये भी..!!
सोहेल खान
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corona Shayari, lockdown shayari images |
अब तुम जा रहे हो तो यार प्लीज ,
लौट कर मत आना, और हाँ
सुनो वो 2021 को कुछ,
उल्टा पुल्टा मत सीखाना..!!!
सोहेल खान
साल बीत रहा है लौटकर आओगे क्या
साल बीत रहा है लौटकर आओगे क्या
मैं जैसी थी वैसी ही हूँ अपनाओगे क्या
मैंने तो कभी कहा नही तुमको गैर हो
अपनी कहो मुझे अपना बताओगे क्या
मुद्दत बीती बादलो में छुपे हुए चाँद को
ये बताओ चेहरे से जुल्फ़ें हटाओगे क्या
बदल देते हैं लोग दीवारों के केलेंडर भी
तुम अपनी फितरत में वफ़ा लाओगे क्या
बना देते हैं लोग भी सर्दियों में रैन बसेरे
बाहों की देहरी पर मुझको सुलाओगे क्या
सोहेल खान
मौसम ए इश्क़ में बेज़ार हुई हूँ मैं
मौसम ए इश्क़ में बेज़ार हुई हूँ मैं
बिन हलचल वाला दयार हुई हूँ मैं
अब तुम्हें क्या बताऊँ मैं अपना मर्ज़
मौसम की वज़ह से बीमार हुई हूँ मैं
सोहेल खान
वस्ल की रात आ याद दिला दूँ तुझको
वस्ल की रात आ याद दिला दूँ तुझको
तेरी आँखों की हँसी से मिला दूँ तुझको
विसाल ए यार में तड़पती निगाहें तेरी
प्यासी नजरों से अश्क़ पिला दूँ तुझको
बरसों मिलन की आस में सहमे होगे
छूकर तेरे बदन को क्या शिकवा गिला दूँ तुझको
ठंडी चाय लेकर बैठा था तु इंतज़ार में
चाय में टूटा बिस्किट खिला दूँ तुझको
क्या जतन करूँ के हो मिलाप अपना
तू ही बता बेरहम क्या सिला दूँ तुझको
सोहेल खान
ज़िन्दगी जीना और मुस्कुराना, मज़ाक है
ज़िन्दगी जीना और मुस्कुराना, मज़ाक है क्या,
दर्द को लिखना और गुनगुनाना, मज़ाक है क्या,
पथरीले रास्ते और काँटों भरा पूरा सफ़र है मेरा,
यूँ लड़खड़ाना और सँभल जाना, मज़ाक है क्या,
वक़्त बदलते बदलते सारे किरदार बदल देता है,
ऐसे में बदलना और निखर पाना, मज़ाक है क्या,
जख्मों ने भी अकेला छोड़ा नहीं है मुझे अबतक,
यूँ घायल होना और चलते जाना, मज़ाक है क्या,
मज़ाक तुम्हारे, तुम्हें मज़ाक में लेने लगे हैं “साहिना",
अब मज़ाक बनना और बनते ही जाना, मज़ाक है क्या?
सोहेल खान
ना जाने कब फिर शहर बंद हो जाये
"ना जाने कब फिर शहर बंद हो जाये,
एक बार नज़र भर देखना चाहता हूँ,
कई दिनों से एक ख़त किताबों में है,
अब उसके हाथो में दे देना चाहता हूँ l"
सोहेल खान
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